… तो इन कारणों से हुआ उत्तराखंड सुरंग हादसा, जांच में सामने आईं कई खामियां, एक्सपर्ट पैनल का बड़ा खुलासा

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नई दिल्ली. हाल ही में उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग ढहने (Uttarkashi Tunnel Collapse) की शुरुआती जांच रिपोर्ट में इस हादसे के कई कारण सामने आए हैं. रिपोर्ट में कहा गया सुरंग हादसे की वजहों में परियोजना का गलत अलाइनमेंट और कटाव वाले इलाके में परियोजना का होना है. साथ ही पहले की घटनाओं से कोई सबक नहीं सीखा गया और बिना ‘री-प्रोफाइलिंग’ के काम आगे बढ़ाया गया. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के पिछले रिकॉर्ड के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए गए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ठेकेदार को एनएचआईडीसीएल द्वारा नियुक्त इंजीनियर से कार्य करने के तरीके की मंजूरी नहीं मिली थी.

यह भी पता चला है कि विशेषज्ञों के पैनल ने शुक्रवार को सड़क परिवहन मंत्रालय को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में सेंसर और दूसरे जरूरी उपकरणों की कम तैनाती की ओर इशारा किया है. जो री-प्रोफाइलिंग काम के दौरान जमीनी व्यवहार को पकड़ते हैं. जिससे जरूरी सावधानी बरती जा सके. इस हादसे ने सड़क परिवहन मंत्रालय के अधीन एक कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) के अधिकारियों और इसके प्राधिकरण इंजीनियर की ओर से उचित निगरानी की कमी को भी सामने रखा.

सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहले दो मौकों पर गड्ढे थे. जो दिखाता है कि ठेकेदार को काम करते समय अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एनएचआईडीसीएल को काम की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए थी. इसके एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सुरंग ढहने की घटनाएं पहले भी 21 बार हो चुकीं थी. बाद में एक बड़ी घटना के कारण 41 मजदूर 17 दिनों तक सुरंग में फंसे रहे.

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इस रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए रास्ता भी सुझाया गया है. इसने सड़क और रेलवे के लिए एक सुरंग केंद्र बनाने, सुरंग सुरक्षा के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करने और विशेष रूप से पर हिमालय क्षेत्र में परियोजनाओं की बेहतर योजना और पूरा करने के लिए गति शक्ति मंच एक भूवैज्ञानिक सहयोगात्मक ढांचे की जरूरत की सिफारिश की है. सीमा सड़क संगठन, रेलवे के अधिकारियों और दो प्रोफेसरों वाला पैनल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, ठेकेदार द्वारा पेश डिजाइन रिपोर्ट और भूवैज्ञानिक मानचित्रण की समीक्षा करने के बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.

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