हिंदी बोलने वाले तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं, DMK नेता दयानिधि मारन का विवादित बयान, BJP का पलटवार

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नई दिल्ली. उत्तर बनाम दक्षिण की बहस को और भड़काते हुए डीएमके नेता दयानिधि मारन ने कथित तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से तमिलनाडु आने वाले हिंदी भाषी निर्माण कार्य, शौचालयों की सफाई आदि जैसे छोटे-मोटे काम करते हैं. दयानिधि मारन की क्लिप साझा कर रहे हैं बीजेपी नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस बारे में उनकी राय भी पूछी है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के बारे में संसद में डीएमके सांसद सेंथिल कुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की टिप्पणी (जब वह सीएम नहीं थे) कि तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर था, के बाद एक बार फिर डीएमके नेता दयानिधि मारन ने उत्तर-दक्षिण राज्यों के बीच बहस छेड़ने का प्रयास किया है.

डीएमके विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है, जिसमें जदयू, राजद और समाजवादी पार्टी भी शामिल हैं – जो बिहार और उत्तर प्रदेश के मुख्य राजनीतिक दल हैं. मारन के बयान पर हमला बोलते हुए बिहार बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, “क्या नीतीश कुमार और लालू यादव हिंदी भाषी लोगों पर अपने गठबंधन सहयोगी की राय से सहमत हैं? उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि डीएमके और ‘इंडिया’ गठबंधन को हिंदी भाषी लोगों के प्रति इतनी नफरत क्यों है.”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दयानिधि मारन ने हिंदी पर टिप्पणी के जरिए उन लोगों की तुलना थी जो अंग्रेजी सीखते हैं और जो केवल हिंदी सीखते हैं. डीएमके नेता ने कहा कि जो लोग अंग्रेजी सीखते हैं उन्हें आईटी में अच्छी नौकरियां मिलती हैं, लेकिन जो लोग केवल हिंदी सीखते हैं – यूपी और बिहार के लोग – सड़कों और शौचालयों की सफाई करते हैं. दयानिधि ने कहा, “जब कोई केवल हिंदी सीखता है तो ऐसा ही होता है.”

उत्तर-दक्षिण बहस तब शुरू हुई जब कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत हासिल की और बीजेपी ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की. वोट पैटर्न पर कई टिप्पणियां की गईं और डीएमके के सेंथिल कुमार ने इस संदर्भ में उत्तर भारतीय राज्यों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की.

हाल ही में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में हिंदी-गैर-हिंदी भाषा पर बहस हुई जब नीतीश कुमार ने बोलना शुरू किया और डीएमके नेता टीआर बालू ने इसका अंग्रेजी अनुवाद मांगा. हालांकि, जब राजद सांसद मनोज झा ने अनुवाद करने की पेशकश की तो नीतीश कुमार ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि “हम अपने देश को हिंदुस्तान कहते हैं और हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है. हमें भाषा आनी चाहिए.”

Tags: Akhilesh yadav, BJP, DMK, Nitish kumar

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