Covid-19 2023: नए साल पर कोरोना का साया, क्‍वारंटाइन के लिए हो जाएं तैयार? AIIMS की माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट ने कही बड़ी बात

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हाइलाइट्स

कोरोना के अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में हैं.
नया वेरिएंट जेएन.1 के लक्षण माइल्‍ड हैं.

Covid-19 JN.1 Variant Update: नया साल 2024 आने में बस एक हफ्ता बाकी है और भारत में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 का संक्रमण फैलता जा रहा है. देश के लगभग एक दर्जन राज्‍यों में कोविड पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें केरल, कर्नाटक, गोवा, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, बिहार, दिल्‍ली आदि शामिल हैं. अगर संक्रमण इसी तरह फैला तो नए साल में कोरोना अपना विकराल रूप दिखा सकता है.

कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने देश में काफी कहर बरपाया था, जिसके चलते देशभर में क्‍वारंटाइन सेंटर बने थे. 14 दिन तक घर-परिवार से दूर क्‍वेरेंटीन सेंटर में रहने वाले लोग कोरोना से तो ठीक हो गए लेकिन वह डर अभी तक नहीं भूले हैं. ऐसे में इन्‍फेक्‍शन फैला रहा कोविड का नया वेरिएंट एक बार फिर क्‍वारंटाइन सेंटर्स में भर्ती होने के खतरे पैदा कर रहा है. हालांकि इस बारे में एक्‍सपर्ट का क्‍या कहना है, आइए जानते हैं.

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एम्‍स की माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट डॉ. मनाली अग्रवाल ने बताया कोरोना की गंभीरता और क्‍वारंटाइन की जरूरत पर कही बड़ी बात..

एम्‍स की माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट डॉ. मनाली अग्रवाल ने बताया कोरोना की गंभीरता और क्‍वारंटाइन की जरूरत पर कही बड़ी बात..

एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकोस की प्रेसिडेंट और एम्‍स दिल्‍ली में सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट डॉ. मनाली अग्रवाल कहती हैं, ‘अभी तक मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण को लेकर पैनिक करने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि इस वेरिएंट के लक्षण पुराने कोविड वेरिएंट्स से ज्‍यादा सीवियर नहीं हैं. मरीजों में इसके लक्षण माइल्‍ड देखे गए हैं. हालांकि इस वायरस के फैलने की क्षमता और संक्रमण की गंभीरता को लेकर अभी और स्‍टडी की जरूरत है. फिर भी लोगों को इससे बचाव के तरीके अपनाने की जरूरत है. कोशिश करें कि मास्‍क पहनें, सोशल डिस्‍टेंसिंग रखें और हाथों को साफ करते रहें.

डॉ. कहती हैं कि जिनकी इम्‍यूनिटी कमजोर है, जैसे गर्भवती महिलाएं, बच्‍चे, बुजुर्ग और पहले से गंभीर बीमारियों या रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को ज्‍यादा सावधान होने की जरूरत है. अभी तक जो देखा जा रहा है, ज्‍यादातर मामलों में संक्रमण के हल्‍के लक्षण हैं, ऐसे में ज्‍यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसा सभी के साथ नहीं है. जिन लोगों में यह गंभीर लक्षण पैदा कर रहा है, उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है.

कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमण को देखते हुए अस्‍पतालों में तैयारियां की जा रही हैं, हालांकि मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं.

कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमण को देखते हुए अस्‍पतालों में तैयारियां की जा रही हैं, हालांकि मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं.

जहां तक क्‍वारंटाइन सेंटर्स में आइसोलेट होने की बात है तो अभी सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं है और अभी तक आए मामलों में ऐसी जरूरत नहीं दिखाई दे रही है. चूंकि यह नया वेरिएंट जरूर है लेकिन तीसरी लहर में आए माइल्‍ड लक्षणों वाले वायरस ओमिक्रोन के परिवार का ही हिस्‍सा है, इसलिए पॉजिटिव मरीजों को होम क्‍वारंटाइन किया जा रहा है. हालांकि फिर भी इसे हल्‍के में न लें, बल्कि कोरोना अनुरूप व्‍यवहार का पालन जरूर करें.

Tags: Cases of corona infection, COVID 19

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