



नई दिल्ली. लोकसभा में गुरुवार को भारतीय विमानों पर विक्टोरियन टेरिटरी या वायसराय टेरिटरी (Victorian Territory and Viceroy Territory) लिखे जाने का मुद्दा उठा और इसे गुलामी का प्रतीक बताते हुए सवाल पूछा गया कि आखिर ब्रिटिश काल के इस रजिस्ट्रेशन कोड को क्यों नहीं हटाया जा रहा है. पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये VT क्या है और क्यों इसे अंग्रेजों की गुलामी से जोड़ा जा रहा है.
दरअसल, प्रत्येक देश को अपने क्षेत्र में पंजीकृत विमान की पहचान करने के लिए एक खास कॉल साइन सौंपा गया है. उदाहरण के लिए, अमेरिका को कॉल साइन ‘एन’ दिया गया है, जबकि रूस को ‘आरए’. नवंबर 1927 में वॉशिंगटन के अंतर्राष्ट्रीय रेडियोटेलीग्राफ कन्वेंशन के दौरान भारत को इसका कॉल साइन सौंपा गया था. चूंकि भारत तब ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में अंग्रेजों के कब्जे में था, इसलिए अंग्रेजों ने VT को चुना. वास्तव में अंग्रेजों ने V से शुरू करके अपने सभी उपनिवेशों का कॉल साइन निर्धारित किया था.
लोकसभा में गुजरात के आणंद से बीजेपी सांसद मितेश पटेल (BJP MP Mitesh Patel) ने भारतीय विमानों पर VT का मामला उठाया. पटेल ने लोकसभा में नियम 377 के तहत “VT” के साथ शुरू होने वाले विमान रजिस्ट्रेशन संख्याएं, जो विमान की राष्ट्रीयता को दर्शाता है, को लेकर सवाल उठाया. पटेल ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुलामी काल के सभी प्रतीकों को खत्म कर रहे हैं, तो अंग्रेजों के जमाने के इस रजिस्ट्रेशन कोड को अब तक कायम क्यों रखा गया है.
पटले ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहा, “यह हमारे राष्ट्रीय गर्व और एकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा, जो स्वतंत्र भारत की बढ़ती ताकत के साथ मेल खाता है. विमानों में वीटी लिखा होना गुलामी का प्रतीक है. विमानों के इस राष्ट्रीय पहचान को भारत से जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में अभी भी लगता है कि भारत अंग्रेजों के अधीन है. इसलिए हमने लोकसभा में प्रस्ताव दिया है कि विमान रजिस्ट्रेशन संख्याएं VT के बदले BT अर्थात भारत टेररेटरी होना चाहिए, जो स्वतंत्र भारत की भावना से मेल खाता है. यह भारतीयता की राष्ट्रीय पहचान की भावना को भी बढ़ावा देता है.”

Mitesh Patel: 2019 में पहली बार आणंद से लोकसभा के सदस्य बने हैं मितेश पटेल
VT रजिस्ट्रेशन नंबर क्यों बदलने की मांग हो रही है?
बता दें कि समय-समय पर देश में वीटी हटाने की मांग उठती रही है. साल 1929 यानी आजादी से पहले ही भारतीय विमानों में वीटी लिखना शुरू हुआ था, जो अभी भी जारी है. देश के सभी सरकारी और प्राइवेट विमान कंपनियों में भी वीटी कोड नंबर लिखा जाता है, जो उस देश की विमान सेवा को दर्शाता है. भारत में वीटी का मतलब होता है विक्टोरियन टेरिटरी या वायसराय टेरिटरी (Victorian Territory and Viceroy Territory). यह कोड नंबर विमान के स्वामित्व को दर्शाता है. यहां VT के बाद लिखे हुए अक्षर उसके मालिक कंपनी का कोड होता है.
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साल 2019 में पहली बार आणंद से लोकसभा के सदस्य बने मितेश पटेल ने ही साल 2022 में भारत को इंडिया कहना बंद करने की बात की थी. पटेल का मानना है कि इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक है. अब भाजपा सांसद पटेल ने एयरक्राफ्ट पर लिखे VT साइन को हटाने की मुहिम शुरू की है. हालांकि, उनके लिए मुश्किल चुनौती होगी क्योंकि अगर ऐसा किया जाता है तो एयरक्राफ्ट पर दोबारा नया कोड लिखना होगा. इस दौरान जहाज के सारे डॉक्यूमेंट भी बदलने होंगे और ऐसा करने के लिए देश पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा.
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Tags: Aeroplane, Domestic Flights, International flights, Ministry of civil aviation
FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 16:53 IST